Rumored Buzz on Shiv chaisa
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थोड़ा जल स्वयं पी लें और मिश्री प्रसाद के रूप में बांट दें।
धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे। शंकर सम्मुख पाठ सुनावे॥
नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे। सागर मध्य कमल हैं जैसे॥
समझनी है जिंदगी तो पीछे देखो, जीनी है जिंदगी तो आगे देखो…।
आप जलंधर असुर संहारा। सुयश तुम्हार विदित संसारा॥
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कानन कुण्डल नागफनी के ॥ अंग गौर शिर गंग बहाये ।
अर्थ: हे शिव शंकर भोलेनाथ आपने ही त्रिपुरासुर (तरकासुर के तीन पुत्रों ने ब्रह्मा की भक्ति कर उनसे तीन अभेद्य पुर मांगे जिस कारण उन्हें त्रिपुरासुर कहा गया। शर्त के अनुसार भगवान शिव ने अभिजित नक्षत्र में असंभव रथ पर सवार होकर असंभव बाण चलाकर उनका संहार किया था) के साथ युद्ध कर उनका संहार किया व सब पर अपनी कृपा की। हे भगवन भागीरथ के तप से प्रसन्न हो कर उनके पूर्वजों की आत्मा को शांति दिलाने की उनकी प्रतिज्ञा को आपने पूरा किया।
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प्रगट उदधि मंथन में ज्वाला। जरे सुरासुर भये विहाला॥
जय हनुमान ज्ञान गुन सागर । जय कपीस तिहुँ लोक उजागर ॥ राम दूत अतुलित बल धामा
एक shiv chalisa lyricsl कमल प्रभु राखेउ जोई। कमल नयन पूजन चहं सोई॥
त्रयोदशी ब्रत करे हमेशा। तन नहीं ताके रहे कलेशा॥
सांचों थारो नाम हैं सांचों दरबार हैं - भजन